जन्मजात बहरापन का इलाज और ऐसा क्यों होता है?

जब शिशु का श्रवण परीक्षण (Hearing test in newborns) जन्मजात बहरेपन के लक्षणों को इंगित करता है तो डॉक्टर बहरेपन के कारण का मूल्यांकन और निर्धारण करते है। अगर बहरापन संवेदी या सेंसेरिन्यूरल बहरापन है जो आंतरिक कान, श्रवण तंत्रिका (कान की नसों) या केंद्रीय श्रवण मार्ग में दोष के कारण है, तो यह एक स्थायी बहरापन है।
नीचे दिये गये श्रवण उपकरणों का उपयोग करना जन्मजात बहरापन का इलाज हो सकता है।

कान की मशीन
कॉक्लियर इम्प्लांट
श्रवण ब्रेनस्टेम प्रत्यारोपण
कान की मशीन – जन्मजात बहरापन का इलाज
जन्मजात बहरेपन के इलाज के लिए कान की मशीन सबसे सरल और सबसे सुविधाजनक प्रवर्धन उपकरण हैं। सभी प्रमुख कंपनियां हल्के से गहन बहरापन के लिए कान की मशीन बनाती हैं।

निर्माता शिशुओं के लिए खास कान की मशीन बनाते हैं, ये कान के पीछे लगने वाली मशीन आकार में छोटे होते हैं और बच्चे के कान के पीछे आराम से फिट होते हैं। कुछ मॉडलों में माता-पिता के लिए एलईडी (LED) लाइट संकेतक होते हैं ताकि यह पता चल सके कि कान की मशीन काम कर रहा है या नहीं।

बच्चे को हर तीन महीने में ऑडियोलॉजिस्ट से मिलना चाहिए। चूंकि बच्चा बढ़ रहा है तो कान नहर और बाहरी कान का आकार भी बढ़ेगा। ध्वनि प्रतिक्रिया से बचने के लिए यदि पुराना कान का साँचा ढीला है तो उसे बदला जाना चाहिए। एक आवधिक जांच ऑडियोलॉजिस्ट को यह जांचने में भी मदद करती है कि क्या बहरापन बढ़ तो नही रहा है? तदनुसार कान मशीन के ध्वनि उत्पादन को बढ़ाना होगा।

कॉक्लियर इम्प्लांट – जन्मजात बहरापन का इलाज
कुछ मामलों में, कान की मशीन वांछित परिणाम नहीं देते हैं, अस्पष्ट भाषण एक कारण है। ऐसे में जन्मजात बहरेपन के इलाज के लिए कॉक्लियर इम्प्लांट सही विकल्प है। 

डॉक्टर और ऑडियोलॉजिस्ट मेडिकल रिपोर्ट की जांच के बाद उपयुक्तता पर निर्णय लेते हैं।
कॉक्लियर इम्प्लांट बाहरी और मध्य कान को बाय-पास करता है और सीधे आंतरिक कान के कोक्लीअ या कर्णावर्त को संकेत देता है। 

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