1.भगवान राम के धरती पर होने का सबसे बड़ा सबूत रामसेतु का होना है। समुद्र के ऊपर श्रीलंका तक बने इस सेतु के बारे में रामायण में लिखा है गया है। इस पुल को पत्थर से बनाया था।
3.रावण की सेना से युद्ध के दौरान लक्ष्मण के मूर्छित हो जाने पर हनुमान जी संजीवनी लेने द्रोणागिरी पर्वत गए थे। जड़ी बूटी की पहचान न होने पर वे पूरा पर्वत ले गए थे। युद्ध के बाद उन्होंने द्रोणागिरी को वापस अपनी जगह पहुंचा दिया। पर्वत पर आज भी वो निशान मौजूद हैं जहां से हनुमान जी ने उसे तोड़ा था।
2.पुरातत्व विभाग के अनुसार 1,750,000 साल पहले श्रीलंका में सबसे पहले इंसानों के घर होने की बात सामने आई थी। राम सेतु भी उसी काल का है।
3.रावण की सेना से युद्ध के दौरान लक्ष्मण के मूर्छित हो जाने पर हनुमान जी संजीवनी लेने द्रोणागिरी पर्वत गए थे। जड़ी बूटी की पहचान न होने पर वे पूरा पर्वत ले गए थे। युद्ध के बाद उन्होंने द्रोणागिरी को वापस अपनी जगह पहुंचा दिया। पर्वत पर आज भी वो निशान मौजूद हैं जहां से हनुमान जी ने उसे तोड़ा था।
4.श्रीलंका में जिस स्थान पर लक्ष्मण जी को संजीवनी दी गई थी वहां आज भी हिमालय की ऐसी दुर्लभ जड़ी-बूटियां पाई जाती हैं जो दूसरे हिस्सों में नहीं मिलती है।
5.लंकापति रावण जब सीता का हरण कर ले गया था, तब उसने देवी सीता को अशोक वाटिका में रखा था। ये जगह आज भी लंका में मौजूद है। इस जगह को Hakgala Botanical Garden कहते हैं।
6.रामायण के सुंदर कांड में बताया गया कि श्रीलंका की रखवाली के लिए रावण ने एक विशालकाय हाथी रखा था। हनुमान जी ने इसे धराशायी किया था। पुरातत्व विभाग को श्रीलंका में ऐसे हाथियों के अवशेष मिले हैं जिनका आकार आम हाथियों से बहुत ज़्यादा था।
7.हनुमान जी के लंका जलाने से रावण डर गया था। दोबारा हमले से बचने के लिए रावण ने सीता जी को अशोक वाटिका से हटा कर कोंडा कट्टू गाला में रखा था। यहां पुरातत्व विभाग को कई गुफ़ाएं मिली हैं जो रावण के महल तक जाती हैं।
8.रावण के मरने के बाद विभीषण को लंका का राजा बनाया गया था। उन्होंने अपना महल कालानियां में बनवाया था। यह एक नदी के किनारे बसा है। पुरातत्व विभाग को कैलानी नदी से उस महल के कुछ अवशेष मिले हैं।
9.रामायण ग्रंथ के अनुसार हनुमान जी ने लंका की सोने की नगरी जलाकर स्वाहा कर दी थी। तभी आज भी श्रीलंका में कुछ जगहों की मिट्टी बिल्कुल काली है।
10.रावण ने कोणेश्वरम मंदिर के पास गर्म पानी के कुएं बनवाए थे। ये कुएंजो आज भी वहां मौजूद हैं और इनसे गर्म पानी निकलता है।
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