बजरंग दल का गठन कैसे हुआ?
बजरंग दल हिंदू धर्म के एक संगठित संघ है। यह संगठन दक्षिण भारत में विस्तार पाया गया है और इसका मुख्य उद्देश्य हिंदू धर्म की रक्षा करना है।
बजरंग दल का गठन 1984 में हुआ था। इस समय उत्तर प्रदेश में कटघरे दहशतगर्दों की वजह से तनाव था और हिंदू समुदाय इन घटनाओं से परेशान था। इस समय महासचिव बाल ठाकरे ने एक ऐसी संगठन बनाने का फैसला लिया जो हिंदू समुदाय की सुरक्षा के लिए अपने आप को समर्पित कर दे। इस संगठन का नाम बजरंग दल रखा गया।
इस संगठन के संस्थापकों में से एक थे जयंती देवी जी, जो एक राष्ट्रवादी थीं। उन्होंने बजरंग दल की स्थापना की थी ताकि हिंदू समुदाय के लोग एकता के साथ मिलकर अपनी सुरक्षा कर सकें।
बजरंग दल के सदस्यों ने हिंदू धर्म की रक्षा के लिए बड़ी संख्या में कार्य किया है। यह संगठन बड़े-बड़े धर्मांतरण और धर्मांतरणों से लड़ने में अपनी भूमिका निभाता है।
इस तरह से बजरंग दल हिंदू समुदाय के लोगों को सम्मान दिलाने के लिए एक महत्वपूर्ण संगठन बन गया है। यह संगठन अपने सदस्यों को धर्म की रक्षा करने के लिए उन्हें शौर्य और सदृढ़ता प्रदान करता है। बजरंग दल ने हिंदू समुदाय को एक संगठित ढांचे में एकता की आवश्यकता का अहसास दिलाया है। इसके अलावा, बजरंग दल ने भारत में हिंदू धर्म की संरक्षा और सुरक्षा के लिए लड़ाई की है।
बजरंग दल के संस्थापक
बजरंग दल के संस्थापक में से एक जयंती देवी थीं, जो राष्ट्रवादी थीं। उन्होंने बजरंग दल की स्थापना की थी ताकि हिंदू समुदाय के लोग अपनी सुरक्षा के लिए एकता के साथ मिलकर कार्य कर सकें। इसके अलावा, उनका उद्देश्य एक सकारात्मक भारत के लिए काम करना था।
बाद में उन्हें अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संस्थापक में से एक भी नाम दिया गया।
बजरंग दल की गतिविधियां
बजरंग दल ने भारत में हिंदू समुदाय की सुरक्षा और संरक्षण के लिए लड़ाई की है। इस संगठन ने धर्मांतरण और धर्म परिवर्तन के विरोध में लड़ाई की है।
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