नए शैक्षिक वर्ष 2023-24 से देश भर के विभिन्न विश्वविद्यालयों के छात्र दो साथ ही दो विषयों में पीएचडी (डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी) कर सकेंगे, नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अनुसार, छात्र विषयों के बीच इंटरडिस्किप्लिनरी तरीके से दो या अधिक विषयों में पीएचडी शोध कर सकेंगे।
यूजीसी ने देश के सभी विश्वविद्यालयों और उच्चतर शिक्षण संस्थानों को पीएचडी के लिए नए नियमों के बारे में सूचित किया है। प्रवेश नए नियमों के आधार पर विश्वविद्यालयों में होगा।
यूजीसी ने इसके साथ ही एक स्थायी समिति गठित की है। इस स्थायी समिति का मूल उद्देश्य शिक्षा में शिक्षकों की नियुक्ति और पीएचडी डिग्री की प्रदान प्रक्रिया की पूरी प्रक्रिया का मॉनिटरिंग करना है।
यह स्थायी समिति उच्चतर शिक्षण संस्थानों के नियमों का पालन न करने पर यूजीसी को शिकायत कर सकती है। समिति किसी ऐसे शिक्षण संस्थान के खिलाफ यूजीसी को कार्रवाई की सिफारिश भी कर सकती है।
यूजीसी ने कहा, "स्थायी समिति विशेष संस्थानों के चयन, शिक्षकों की नियुक्ति और पीएचडी डिग्री के प्राप्ति पर जानकारी एकत्र करेगी। इसके साथ ही, समिति इन संस्थानों में यूजीसी नियमों के पालन की पुष्टि के लिए दस्तावेज़ों की जांच भी करेगी।"
कई विश्वविद्यालयों ने पीएचडी प्रवेश के लिए कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) के आधार पर नियम बनाए हैं। इसमें दिल्ली विश्वविद्यालय भी शामिल है।
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