शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन के तहत, नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) ने 11 वर्षों के बाद एक वर्षीय बीएड (बैचलर ऑफ एजुकेशन) कोर्स को पुनः शुरू करने की मंजूरी दी है। यह निर्णय राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 की सिफारिशों के अनुरूप लिया गया है, जिसमें शिक्षक शिक्षा में सुधार पर विशेष जोर दिया गया है।
एक वर्षीय बीएड कोर्स की पात्रता:
इस कोर्स में प्रवेश के लिए निम्नलिखित योग्यताएं निर्धारित की गई हैं:
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चार वर्षीय स्नातक डिग्री: जिन छात्रों ने चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम (जैसे बीए, बीएससी, बीकॉम) पूरा किया है, वे इस कोर्स के लिए पात्र होंगे।
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स्नातकोत्तर डिग्री: वे छात्र जिन्होंने किसी भी विषय में स्नातकोत्तर (पोस्ट ग्रेजुएशन) किया है, वे भी इस कोर्स में प्रवेश ले सकेंगे।
यह कदम उन छात्रों के लिए लाभकारी होगा जो शिक्षक बनने की इच्छा रखते हैं और कम समय में अपनी शिक्षा पूरी करना चाहते हैं।
दो वर्षीय बीएड कोर्स का भविष्य:
एनसीटीई ने घोषणा की है कि दो वर्षीय बीएड कोर्स की मान्यता 2024 से बंद कर दी जाएगी, और यह कोर्स 2030 तक पूरी तरह समाप्त कर दिया जाएगा। इसके स्थान पर चार वर्षीय इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम (ITEP) को बढ़ावा दिया जाएगा, जो बीए-बीएड, बीएससी-बीएड, और बीकॉम-बीएड जैसे कोर्स प्रदान करेगा।
चार वर्षीय ITEP की विशेषताएं:
चार वर्षीय इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम (ITEP) वर्तमान में भारत के 64 शिक्षा संस्थानों में संचालित हो रहा है। अब इसमें योग शिक्षा, शारीरिक शिक्षा, संस्कृत, और परफॉर्मिंग आर्ट्स जैसे विशेषीकृत स्ट्रीम्स को भी शामिल किया जाएगा, जिससे छात्रों को विविध विषयों में विशेषज्ञता प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।
नए रेगुलेशंस की मंजूरी:
एनसीटीई की गवर्निंग बॉडी ने नए रेगुलेशंस 2025 को भी मंजूरी दी है, जो 2014 के रेगुलेशंस की जगह लेंगे। इन नए नियमों के तहत शिक्षक शिक्षा के पाठ्यक्रम में सुधार और अद्यतन किया जाएगा, जिससे शिक्षकों की गुणवत्ता में वृद्धि होगी।
शिक्षा के क्षेत्र में ये परिवर्तन शिक्षकों की गुणवत्ता और प्रशिक्षण में सुधार लाने के उद्देश्य से किए जा रहे हैं, जो देश के शैक्षणिक ढांचे को मजबूत करेंगे और विद्यार्थियों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने में सहायक होंगे।
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